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भ्रष्टाचार पर फिर चला डंडा: मुरैना में रिटायरमेंट भुगतान के बदले रिश्वत लेता जनपद पंचायत का बाबू गिरफ्तार

मुरैना। मध्य प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों के बीच रिश्वतखोरी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। ताज़ा कार्रवाई में, मुरैना जिले की पोरसा जनपद पंचायत में पदस्थ एक बाबू को लोकायुक्त पुलिस ने 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। बाबू यह पैसा एक सेवानिवृत्त कर्मचारी की अर्जित छुट्टियों के भुगतान को जारी करने के बदले मांग रहा था।

मध्य प्रदेश में रिश्वतखोरी की घटनाओं पर लगाम नहीं लग रही है। ताज़ा मामले में, मुरैना की पोरसा जनपद पंचायत में पदस्थ बाबू सतीश गोले को लोकायुक्त पुलिस ग्वालियर की टीम ने एक सेवानिवृत्त कर्मचारी से 20,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया है। बाबू सतीश गोले ने अपने ही विभाग से जून महीने में रिटायर हुए सहायक लेखाधिकारी तेजनारायण नवरिया से उनकी अर्जित छुट्टियों (Earned Leaves) के भुगतान को पास करने के लिए कुल 30,000 रुपये की रिश्वत की मांग की थी। शिकायतकर्ता तेजनारायण नवरिया ने लोकायुक्त को बताया कि बाबू गोले उनसे पहले ही 10,000 रुपये वसूल चुका था, और बाकी 20,000 रुपये लेने के लिए दबाव बना रहा था। लोकायुक्त टीम ने गुरुवार को शिकायत की पुष्टि करते हुए पोरसा जनपद पंचायत कार्यालय में दबिश दी और बाबू को रिश्वत लेते हुए धर दबोचा। टीम बाबू के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर पोरसा थाने में आगे की कार्रवाई कर रही है। सरकारी भुगतान के लिए सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी रिश्वत देनी पड़े, यह स्थिति प्रशासनिक व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है।

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